बिष्णुगढ़: बिष्णुगढ़ प्रखंड के
हॉस्पिटल चौक स्थित दिपु अकेला के आवास में शुक्रवार को आजसू पार्टी बिष्णुगढ़ प्रखंड कमिटी के द्वारा हूल दिवस मनाया गया । हुल दिवस के अवसर पर महानायक सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, फूलो-झानो समेत सभी अमर बलिदानियों को पुष्प अर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित प्रखंड अध्यक्ष अजय कुमार मंडल ने कहा देश भर में 30 जून को हूल क्रांति दिवस मनाया जाता है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले आदिवासियों की शौर्य गाथा और बलिदान को याद किया जाता है। संथाली भाषा में हूल का अर्थ क्रांति होता है. आदिवासी इस दिन को अपने संघर्ष और अंग्रेजों के द्वारा मारे गए अपने 20000 लोगों की याद में मनाते हैं। प्रखंड कोषाध्यक्ष दिपु अकेला ने कहा अंग्रेजों के इस शोषण के खिलाफ आदिवासियों ने एकजुट होकर आवाज उठाई और तय कर लिया खुद को स्वतंत्र घोषित करेंगे और भू-राजस्व नहीं देंगे। इसकी प्रतिक्रिया में अंग्रेजी सरकार की तरफ से आए स्थानीय जमींदार, पूंजीपतियों, सूदखोरों को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने अपना नारा जुमीदार, महाजन, पुलिस राजदेन आमला को गुजुकमाड़ यानि कि जमींदार, महाजन, पुलिस और सरकारी अमलों का नाश हो, बुलंद किया। प्रखंड उपाध्यक्ष दामोदर महतो जी ने कहा वर्ष 1852 के संथाल विद्रोह के नायक अमर शहीद सिद्धो- कान्हो द्वारा अंग्रेजों का विरोध और महाजनी प्रथा के खिलाफ फूंका गया था । बिगुल (संथाल हूल) आज सही मायने में प्रासांगिक दिखता है । आजादी के दिवाने अंग्रेजों के जुल्म और शोषण के खिलाफ संथाल समाज को एकजूट कर अंग्रेजों को नाको चने चबाना पड़ा था।