जम्बुआ जंगल में नहीं थम रहा हरे-भरे पेड़ो की कटाई का सिलसिला

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बिष्णुगढ़:पर्यावरण की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले हरे-भरे पेड़- पौधे तमाम कवायदों के बाद भी दिन प्रतिदिन कम होते जा रहे हैं कारण, वन विभाग की घोर लापरवाही हावी है। विभागीय उदासीनता का परिणाम है कि हरे भरे पेड़- पौधों की बेखौफ कटाई की जा रही है। जितने पेड़ कट रहे, उसकी तुलना में पौधारोपण व पेड़ों का संरक्षण बिल्कुल नहीं हो रहा है।

यह मामला सोतिया नदी के ऊपर स्थित जाम्बुआ जाने वाले रास्ते के दोनों किनारों में स्थित जंगलों का है। वनकटुओ के हौसले इतने बुलंद है कि यह वन विभाग की आंखों में धूल झोंक कर अवैध कटान को प्रतेक दिन अंजाम दे रहे हैं। प्रातः भ्रमण में निकले विवेक कुमार,रोहित वर्मा,राजु वर्मा राहुल भारती, सुखदेव कुमार,गोपाल कुमार,अशोक साहु,राज कुमार सागर आदि कुछ युवकों की नजर जब कटे हुए कुछ पेड़ो पर पड़ी तो इन युवकों को काफी निराशा हुई। इन लोगो ने बताया कि बहुत सारे पेड़ का कटा हुआ हिस्सा जंगल मे ही छोडा हुआ मिला। ऐसा आए दिन रोज होते रहता है कुछ लोग जंगलों में पेड़ों को काटकर इसी तरह छोड़ देते हैं और जब वह सूखता है तो उसे ले जाते हैं। कुछ दिन पूर्व भी इस तरह की खबरें समाचार पत्र में प्रकाशित किया गया था। लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा अबतक इस क्षेत्र के तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया और अभी भी इन जंगलों में पेड़ों- पौधों की कटाई निरंतर जारी है उसके बाद भी जो पेड़ के नए-नए कपोले निकल रहे हैं वे भी अत्यधिक पशुओं के चराई के कारण जानवर उसे सफाचट कर जाते हैं और कुछ लोग दातुन, पल्हा और अपने बारियो को घेरने के लिए पेड़ों को काटकर गिरा देते हैं जिसके कारण भी दिन-प्रतिदिन पेड़- पौधों की हरियाली कम होते जा रही है अगर यह सिलसिला निरंतर चलता रहा तो फिर आने वाले दिनों में ये हरा-भरा दिखने वाला ये जंगल पूरी तरह से खत्म हो जायेगा और शेष कुछ भी नहीं बचेगा फिर लोग सुद्ध हवा के लिए तरस जाएंगे। इसलिये हमलोग सभी तमाम वन विभाग के अधिकारियों से अपील करते है की पेड़ों -पौधों की कटाई रोकी जाए ताकि हरियाली का यह क्षेत्र सर्वदा हरा भरा दिखे।

 

 

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