बिष्णुगढ़: बिष्णुगढ़ प्रखंड मुख्यालय धरना स्थल में गुरूवार को भाकपा माले से संबंध झारखंड मजदूर किसान समिति के तत्वावधान में किसान मजदूर के समर्थन में एक दिवसीय धरना दिया गया। धरना के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति महोदया भारत सरकार को विष्णुगढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी संजय कुमार कोंगारी के माध्यम से दस सूत्री मांग की गई। जिसमें बुलडोजर राज नहीं चलेगा सभी अनाधिकृत बस्तियों और भूमिहीनों का मुकम्मल सर्वे के आधार पर नया वास,आवास कानून बनाओ,मनरेगा की मजदूरी दर ₹600 करो,मांग के अनुसार काम और समय पर भुगतान की गारंटी करो डिजिटल हाजिरी का निर्णय वापस लो,दलित आदिवासी गरीबों का बिजली बिल माफ हो और 200 यूनिट बिजली फ्री देने की व्यवस्था केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करें,सभी आदिवासी दलित गरीबों मजदूरों महिलाओं को न्यूनतम ₹3000 मासिक पेंशन की गारंटी करो उज्जवला गैस की शुरुआती कीमत पर रसोई गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करें,केंद्र सरकार खाद्य पदार्थ को जीएसटी के दायरे से बाहर करें शिक्षा व्यवस्था के निजीकरण पर रोक लगाई जाए, सुखाड़ राहत योजना के तहत जिन किसानों का राशि भुगतान नहीं हुआ है उन्हें अविलंब भुगतान कराने की पहल किया जाए ,बकाया किसानों के केसीसी ऋण माफी भुगतान कराई जाए, प्रधानमंत्री कृषि निधि का पैसा किसानों के खाते में भुगतान कराई जाए,किसानों के जमीन संबंधित दाखिल खारिज रसीद निर्गत खाता प्लॉट सुधार की समस्याओं में सुलभ करते हुए ठीक करने की गारंटी की जाए, किसानों की सिंचाई व्यवस्था समुचित किया जाए।
धरना की अध्यक्षता झामकिस के राज्य परिषद सदस्य कॉमरेड घनश्याम पाठक एवं संचालन कॉमरेड दुलारचंद प्रसाद के द्वारा किया गया। पाठक ने धरना को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया और कहा कि एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है और दूसरी ओर आम आवाम को रोज नए-नए दांवपेच से गुजारना पड़ता है। अगर सचमुच प्रधानमंत्री चाहते हैं की आम खास आदमी कि पूंजी पारदर्शी हो तो आधार से चल अचल क्यों नहीं जोड़ते हैं जो बेनामी संपत्ति है।उसका खुद पर्दाफाश हो जाएगा गैस के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है। उज्जवला योजना के नाम पर लोहे का टंकी देकर लोगों को ठगा गया है।बिष्णुगढ़ के बेरोजगार नौजवान दूसरे प्रदेश में रोज जान गवा रहें हैं और स्थानीय सांसद विधायक मौन है। इस ओर ध्यान नहीं दे रहें है बिष्णुगढ़ के वर्षों लंबित मांग अनुमंडल का आज भी अधूरा है।धरना में मुख्य रूप से माले नेता बासुदेव मंडल, भोला प्रसाद सिंह, दुलारचंद साव, डिल्लों सिंह, भिखो भुईयां, करीमुद्दीन अंसारी, अशोक कुमार साहू, बाबूलाल कुम्हार, इंद्रमणि गोप, भुनेश्वर यादव, जयराम सिंह, तिलक कुमार, रामदास सिंह, कार्तिक सिंह समेत कई लोग शामिल हुए थे।