*बिष्णुगढ़ :* बिष्णुगढ़ प्रखंड के सहायक अध्यापकों ने प्रखंड के ही सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत संतोष महतो जिनका निधन सड़क दुर्घटना में पिछले सप्ताह हुआ था के परिजनों को प्रखंड के तमाम सरकारी शिक्षक सीआरपी ,बीआरपी तथा सहायक अध्यापकों ने उनके परिजनों को सहानुभूति के रूप में 85000 रुपये दे कर आर्थिक मदद किया सहायक अध्यापकों को झारखंड के सभी दलों के सरकारों ने कई प्रकार के लोकलुभावन बातें कर अब तक ठगने का काम किया है ।,जिसका भुक्तभोगी आज के सभी सहायक अध्यापकों को होना पड़ रहा है। इनके मृत्यु या सेवा समाप्त होने पर सरकार की तरफ से कोई सुविधा नही दी जाती ,जो झारखंड के लिए दुर्भाग्य की बात है। जिन हालातों में सहायकअध्यापकों की बहाली हुई थी ,अगर उनकी चर्चा की जाए तो खत्म नहीं होगी। क्योंकि उस वक्त वैसे वैसे गांव में जहां पर ठीक से पैदल नहीं जाया जा सकता था ,जंगलों तथा नदी नालों को पार कर जब बच्चों की पढ़ाई की बात की जाती थी , तब न अभिभावक साथ देते थे ना ही बच्चे पढ़ना चाहते थे । उस स्थिति को झेलते हुए सहायक अध्यापकों ने आज झारखंड के शिक्षा स्तर को उस स्तर तक ले गया है जहां से झारखंड अपने आपको गर्व महसूस कर रहा है। परिणाम स्वरूप सहायक अध्यापक ( पारा शिक्षक)दर-दर भटक रहे है ,ना उसे किसी प्रकार का मुआवजा दिया जाता है और ना ही आकस्मिक निधन पर उनके परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी । अथार्थ इनके साथ दोहरी नीति अपनाया जा रहा है।
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