बिष्णुगढ़ प्रखंड सभागार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट कृषि विषय पर कृषक मित्र, किसान तथा पैक्स अध्यक्षों का जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रखंड तकनीकी प्रबंधक उमेश कुमार राणा ने कहा कि हम सभी लोगों को कृषि आधारित रोजगार के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है। हमें जलवायु परिवर्तन के अनुरूप चक्रीय खेती करना। किसान को खेती से पहले मिट्टी की जांच कराने के लिए प्रेरित करना होगा। मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए आवश्यकता अनुसार हमें पोषक तत्वों का प्रयोग करना चाहिए। लाल मिट्टी के क्षेत्र में दीमक अधिक लगता है इसमें डोलोमाइट का प्रयोग करना आवश्यक। सिंचाई प्रबंधन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि डोभा के माध्यम से हम टपक विधि से सब्जी की बागवानी कर सकते हैं। किसानों को अनावश्यक कीटनाशक दवा से दूर रहकर जैविक खेती करने की आवश्यकता सकता है। कम समय में कम पानी उपयोग कर सालों भर खेती कैसे जीत किया जाए इस पर हम सबों को काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मिलेट के तहत मडुवा, ज्वार समेत मोटे अनाजों को बढ़ावा देना है। पुराने धान करहनी, साठी, गोंदली, कमल काठी, गोड़ा धान को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। पैक्स अध्यक्षों से कहा कि कार्यशील पूंजी से बीज उठाकर किसानों के बीच वितरण करने की आवश्यकता है। अधिक से अधिक पैक्स मेंबर बनाने की जरूरत है। प्रखंड में प्रगतिशील किसानों का समूह फार्मर्स आफ चैंबर्स व्यापक रूप में गठन करने की आवश्यकता है। प्रखंड में अधिक से अधिक किसानों की सोसाइटी बनाकर विभिन्न क्षेत्रों से मिल रहे लाभ से किसानों को लाभान्वित करने की आवश्यकता है। किसानों को सोसायटी बनाकर मछली पालन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने की जरूरत है। जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य रूप से पौधा संरक्षण प्रयवेक्ष दिलीप पांडेय किसान फार्मर चैंबर्स के अध्यक्ष सुरेश महतो तथा मुखिया ननकू महतो ने विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त जानकारी कार्यशाला में उपस्थित लोगों के बीच दिया। कार्यक्रम में प्रखंड के कृषक मित्र, प्रगतिशील किसान तथा पैक्स अध्यक्ष उपस्थित थे।
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